Chapter-8 बल तथा दाब
NOTES
1. बल- किसी वस्तु पर लगने वाले धक्के (अभिकर्षण) या खिंचाव (आकर्षण) को बल कहते हैं। अतः हम कह सकते हैं कि वस्तुओं को दी गई गति बल लगने के कारण होती है।
- दो वस्तुओं के बीच अन्योन्यक्रिया के कारण उनके बीच बल लगता है।
- किसी वस्तु पर एक ही दिशा में लगाए गए बल आपस में जुड़ जाते हैं।
- यदि किसी वस्तु पर दो बल विपरीत दिशा में कार्य करते हैं तो इस पर लगने वाला कुल (नेट) बल दोनों बलों के अंतर के बराबर होता है। इस प्रकार एक बल दूसरे से बड़ा छोटा या बराबर हो सकता है। बल की प्रबलता प्रायः इसके परिमाण से मापी जाती हैं।
- किसी वस्तु पर बल लगाकर उसकी चाल बदली जा सकती हैं। यदि लगाया गया बल गति की दिशा में है तो वस्तु की चाल बढ़ जाती है। यदि बल वस्तु की गति की दिशा के विपरित दिशा में लगाया जाए तो वस्तु की चाल कम हो जाती है।
- किसी वस्तु की चाल अथवा उसकी गति की दिशा, अथवा दोनों में होने वाले परिवर्तन को इसकी गति की अवस्था में परिवर्तन द्वारा व्यक्त किया जाता है। अतः बल द्वारा किसी वस्तु की गति की अवस्था में परिवर्तन लाया जा सकता है।
- बल लगाने से किसी वस्तु की आकृति में परिवर्तन हो सकता है।
2. बल के प्रभाव-
- किसी वस्तु को विराम अवस्था से गति में ला सकता है।
- गतिशील वस्तु की चाल में परिवर्तन कर सकता है।
- गतिशील वस्तु की दिशा में परिवर्तन कर सकता है।
- वस्तु की आकृति में परिवर्तन ला सकता हैं।
3. सम्पर्क बल-
1 पेशीय बल- किसी वस्तु को धकेलने या पानी की बाल्टी को उठाते हैं तो बल हमारे शरीर की मांसपेशियों द्वारा लगता है। हमारी मांसपेशियों के क्रिया स्वरूप लगने वाले बल को पेशीय बल कहते हैं।
- पेशीय बल तभी लगाया जा सकता है जब पेशियां किसी वस्तु के संपर्क में हों, इसलिए इसे सम्पर्क बल कहते है।
2 घर्षण- वस्तुओं की गति की अवस्था में परिवर्तन का कारण घर्षण बल कहते है। घर्षण बल सभी गतिशील वस्तुओं पर लगता है और इसकी दिशा सदैव गति की दिशा में विपरीत होती है।
4. असम्पर्क बल-
1. चुंबकीय बल- एक चुंबक दूसरे चुंबक पर बगैर सम्पर्क में आए ही बल लगा सकता है। चुंबक द्वारा लगाया गया बल असम्पर्क बल का एक उदाहरण है।
2. स्थित वैद्युत बल- एक आवेशित वस्तु द्वारा किसी दूसरी आवेशित अथवा अनावेशित वस्तु पर लगाया गया बल स्थित वैद्युत बल कहलाता है। वस्तुओं के संपर्क में न होने पर भी यह बल कार्य करता है। इसलिए स्थित वैद्युत बल असम्पर्क बल का एक अन्य उदाहरण है।
3. गुरुत्वाकर्षण बल- वस्तुएं पृथ्वी की ओर इसलिए गिरती है क्योंकि यह उन्हें अपनी ओर आकर्षित करती है। इस बल को गुरुत्व बल या केवल गुरुत्व कहते हैं। यह एक आकर्षण बल है।
दाब- किसी पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाब कहते हैं।
दाब = बल/क्षेत्रफल जिस पर यह लगता है।
द्रवों तथा गैसों द्वारा लगाया गया दाब- गैसें जिस बर्तन में रखी जाती है उसकी दीवारों पर दाब डालती है।
5. वायुमंडलीय दाब- हमारे चारों ओर वायु है, वायु के इस आवरण को वायुमंडल कहते हैं। वायुमंडलीय वायु पृथ्वी के तल से कई किलोमीटर ऊपर तक फैली हुई है। इस वायु द्वारा लगाए गए दाब को वायुमंडलीय दाब कहते हैं।
- प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाब कहते हैं।