CLASS-9 SCIECNE



Chapter- 3 परमाणु एवं अणु

NOTES

1. महर्षि कनाड, डेमोक्रिटिस एवं लियुसीपस आदि दार्शनिकों ने कहा द्रव्य अनेक छोटे-छोटे सूक्ष्म कणों से मिलकर बना है जिसे परमाणु कहते हैं।


2. एन्टोनी एल लेवाइजर ने रासायनिक संयोजन के दो महत्वपूर्ण नियमों को स्थगित किया जिसने रासायन विज्ञान को महत्वपूर्ण आधार प्रदान किया।


3. रासायनिक संयोजन के नियम-

द्रव्यमान संरक्षण का नियम- द्रव्यमान संरक्षण के नियम के अनुसार किसी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो सृजन किया जा सकता है न ही विनाश।

स्थिर अनुपात का नियम- लवाइजिए एवं अन्य वैज्ञानिकों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कोई भी यौगिक दो या दो से अधिक तत्वों से निर्मित होता है। इस प्रकार प्राप्त यौगिकों में, इन तत्वों का अनुपात स्थिर होता है चाहे इसे किसी स्थान से प्राप्त किया गया हो अथवा किसी ने भी इसे बनाया हो।

- यौगिक जल में हाइड्रोजन एवं आक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात सदैव 1:8 होता है। चाहे जल का स्रोत कोई भी हो।


4. अंग्रेज रसायनज्ञ, जांन डाल्टन ने द्रव्यों की प्रकृति के बारे में एक आधारभूत सिद्धांत प्रस्तुत किया। डाल्टन ने द्रव्यों की विभाज्यता का विचार प्रदान किया जिसे उस समय तक दार्शनिकता माना जाता था। 

- डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के अनुसार सभी द्रव्य चाहे तत्व, यौगिक या मिश्रण हो, सूक्ष्म कणों से बने होते हैं जिन्हें परमाणु कहते हैं। डाल्टन के सिद्धांत की विवेचना निम्न प्रकार से कर सकते हैं:-

  • सभी द्रव्य परमाणुओं से निर्मित होते हैं, जो कि रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेते हैं
  • परमाणु अविभाज्य सूक्ष्मतम कण होते हैं जो रासायनिक अभिक्रिया में न तो सृजित होते हैं न ही उनका विनाश होता है। 

दिए गए तत्व के सभी परमाणुओं का द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म समान होते हैं। 

  • भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु के द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म भिन्न-भिन्न होते हैं। 
  • भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु परस्पर छोटी पूर्ण संख्या के अनुपात में संयोग कर यौगिक निर्मित करते हैं।
  • किसी भी यौगिक में परमाणुओं की सापेक्ष संख्या एवं प्रकार निश्चित होते हैं। 

5. परमाणु- ये बहुत छोटे होते हैं। ये किसी भी वस्तु, जिसकी हम कल्पना या तुलना कर सकते हैं, से भी छोटे होते हैं। 

परमाणु त्रिज्या को नेनोमीटर (nm) में पाया जाता है। 

10-9m = 1nm 

1nm = 109nm 

6. इंटरनेशनल यूनियन आफ प्योर एंड एप्लाइड केमिस्ट्री (IUPAC) एक अन्तर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक संस्था है जो तत्वों के नाम, प्रतिकों और मात्रकों को स्वीकृति प्रदान करती है। इसके अनुसार किसी प्रतीक के पहले अक्षर को सदैव बड़े अक्षर में तथा दूसरे अक्षर को छोटे अक्षर में लिखा जाता है।  उदाहरण- 1. हाइड्रोजन (H), 2. एलुमिनियम(AL) 3. कोबाल्ट (Co) 


7. परमाणु द्रव्यमान- डाल्टन के अनुसार प्रत्येक तत्व का एक अभिलाक्षणिक परमाणु द्रव्यमान होता है। एक परमाणु के द्रव्यमान को ज्ञात करना अपेक्षाकृत कठिन कार्य था इसलिए रासायनिक संयोजन के नियमों के उपयोग एवं उत्पन्न यौगिकों के द्वारा सापेक्ष परमाणु द्रव्यमान को ज्ञात किया जाता।


8. अणु- अणु को किसी तत्व अथवा यौगिक के उस सूक्ष्मतम कण के रूप में अस्तित्व में रह सकता है तथा जो उस यौगिक के सभी गुणधर्म को प्रदर्शित करता है।

  • एक ही तत्व के परमाणु अथवा भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु परस्पर संयोग करके अणु निर्मित करते हैं।
  • तत्वों के अणु- किसी तत्व के अणु एक ही प्रकार के परमाणुओं द्वारा संरचित होते हैं। उदाहरण- आर्गन(Ar), हीलियम(He) आदि।

लेकिन अधिकांश धातुओं में ऐसा नहीं होता है। उदाहरण- द्वि-परमाणुक अणु O2, त्रि-परमाणुक अणु O3

  • किसी अणु की संरचना में प्रयुक्त होने वाले परमाणुओं की संख्या को उस अणु की परमाणुकता कहते हैं। 

-यौगिकों के अणु- भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु एक निश्चित अनुपात में परस्पर जुड़कर यौगिकों के अणु निर्मित करते हैं।


9. आयन- धातु एवं अधातु युक्त यौगिक आवेशित कणों से बने होते हैं। इन आवेशित कणों को आयन कहते हैं। यह ऋण आवेश अथवा धन आवेश होता है। उदाहरण- सोडियम क्लोराइड (Nacl)->Na+-Cl-


10. परमाणुओं के समूह जिन पर नेट आवेश विद्यमान हो उसे बहुपरमाणुक आयन कहते हैं।


11. रासायनिक सूत्र लिखना- किसी यौगिक या रासायनिक सूत्र उसके संघटक का प्रतीकात्मक निरूपण होता है।


12. संयोजकता- किसी तत्व की संयोजन शक्ति उस तत्व की संयोजकता कहलाती है। उदाहरण- Ca2+, Zn2+, Fe3+, O2-, S2-, N3-


13. रासायनिक सूत्र लिखते समय निम्न नियमों का पालन करना चाहिए- 

i. आयन की संयोजकता अथवा आवेश संतुलित होना चाहिए।

ii. जब एक यौगिक किसी धातु एवं अधातु के संयोग से निर्मित होता है तो धातु के नाम अथवा उसके प्रतीक को रासायनिक सूत्र में पहले लिखते हैं। उदाहरण- Cao, Nacl, Fes, Cuo.

iii. बहु परमाणुक आयनों द्वारा निर्मित यौगिकों में आयनों की संख्या दर्शाने के लिए आयन को कोष्ठक में लिखकर आयनों की संख्या कोष्ठक के बाहर लिखते हैं। उदाहरण- Mg(OH)2

14. सरल यौगिकों के सूत्र- दो भिन्न तत्वों से निर्मित सरलतम यौगिकों को द्विअंगी यौगिक कहते हैं। संयोजित परमाणुओं की संयोजकता को क्रास करके अणु सूत्र कहते हैं। उदाहरण- 

1. हाइड्रोजन क्लोराइड का सूत्र


सूत्र- Hcl

2. कार्बन टेट्राक्लोराइड का सूत्र

सूत्र- CCl4

एल्यूमीनियम ऑक्साइड का सूत्र


सूत्र- Al2O3

सोडियम नाइट्रेट का सूत्र
सूत्र- NaNo3

कैल्शियम हाइड्रोक्साइड का सूत्र


सूत्र- Ca(OH)2

सोडियम कार्बोनेट का सूत्र


सूत्र- Na2CO3

अमोनियम सल्फेट का सूत्र


सूत्र- (NH4)2SO4