CHAPTER- 1 विविधता की समझ
NOTES
1. विविधता- लोगों के बीच रंग-रूप, खान-पान आदि के आधार पर होने वाली भिन्नता को विविधता कहते हैं।
- खान-पान, पहनावा, धर्म, भाषा आदि भिन्नताएं विविधता के पहलू हैं।
2. गैर-बराबरी- गैर-बराबरी का मतलब है कि कुछ लोगों के पास न अवसर है और न ही जमीन या पैसे जैसे संसाधन जो दूसरों के पास है। इसीलिए गरीबी और अमीरी विविधता का रूप नहीं है। यह लोगों के बीच मौजूद असमानता यानी गैर-बराबरी है।
3. जाति-व्यवस्था- यह असमानता का एक उदाहरण है। इस व्यवस्था में समाज को अलग-अलग समूहों में बांटा गया। लोग जिस जाति में पैदा होते थे, उसे बदल नहीं सकते थे।
4. भारत में विविधता- भारत विविधताओं का देश है। यहां विभिन्न प्रकार का खाना खाते हैं, अलग-अलग त्योहार मनाते हैं, भिन्न-भिन्न धर्मों का पालन करते हैं।
5. अगर अलग-अलग क्षेत्रों का इतिहास देखें तो पता चलेगा कि लोगों द्वारा यात्राएं करते रहने से किस तरह विभिन्न सांस्कृतिक प्रभावों ने वहां के जीवन और संस्कृति को आकार देने में योगदान किया है। इस तरह से कई क्षेत्र अपने विशिष्ट इतिहास के कारण विविधतासंपन्न हो जाते थे।
6. किसी क्षेत्र की विविधता पर उसके ऐतिहासिक और भौगोलिक कारकों का क्या असर पड़ता है।
(A) लद्दाख- जम्मू और कश्मीर के पूर्व में पहाड़ियों में बसा एक रेगिस्तानी इलाका। यहां बहुत ही कम खेती संभव
, क्योंकि बारिश नहीं होती और इलाका हर वर्ष काफी लंबे समय तक बर्फ से ढंका रहता है। कम पेड़ उग पाते हैं।
- लोग खास किस्म की बकरी पालते हैं जिससे पश्मीना ऊन मिलता है। पश्मीना शाल बड़ी महंगी होती।
- लद्दाख के लोग सावधानी से ऊन इकठ्ठा करके कश्मीर के व्यापारियों को बेच देते। मुख्यतः कश्मीर में ही पश्मीना शाले बुनी जाती है।
- लद्दाख के रास्ते बौद्ध धर्म तिब्बत पहुंचा। लद्दाख को छोटा तिब्बत भी कहते हैं।
- करीब चार सौ साल पहले यहां पर लोगों का इस्लाम धर्म से परिचय हुआ और अब यहां अच्छी खासी संख्या में मुसलमान रहते हैं।
- लद्दाख में गानों और कविताओं का बहुत ही समृद्ध मौखिक संग्रह है।
(B) केरल- भारत के दक्षिणी-पश्चिमी कोने में बसा हुआ राज्य है। यह एक तरफ समुद्र से और दूसरी तरफ पहाड़ियों से घिरा है।
- सबसे पहले अरबी एवं यहूदी व्यापारी केरल आए। माना जाता है कि ईसा मसीह के धर्म दूत संत थाॅमस लगभग दो हजार साल पहले यहां आए। भारत में ईसाई धर्म लाने का श्रेय इन्हीं को जाता।
- इब्न बतूता ने अपने यात्रा वृत्तांत में लिखा कि मुसलमान समुदाय की यहां बड़ी इज्जत थी।
- वास्को डी गामा पानी के जहाज से यहां पहुंचे तो पुर्तगालियों ने यूरोप से भारत तक का समुद्री रास्ता जाना।
- इन ऐतिहासिक प्रभावों के कारण केरल के लोग विभिन्न धर्मों का पालन करते हैं। जैसे- यहूदी, इस्लाम, ईसाई, हिंदू एवं बौद्ध धर्म।
- चीनी वला- मछली पकड़ने का जाल जो चीनी जालों से हू-ब-हू मिलते हैं।
- चीनीचट्टी- तलने के लिए लोग जो बर्तन इस्तेमाल करते हैं।
- केरल की उपजाऊ जमीन और जलवायु चावल की खेती के लिए बहुत उपयुक्त है और वहां के अधिकतर लोग मछली, सब्जी और चावल खाते हैं।
केरल और लद्दाख की भौगोलिक स्थितियां एक-दूसरे से बिल्कुल अलग है, दोनों क्षेत्रों के इतिहास में एक ही प्रकार के सांस्कृतिक प्रभाव है।
किसी भी क्षेत्र के सांस्कृतिक जीवन का उसके इतिहास और भूगोल से प्रायः गहरा रिश्ता होता है।
7. भारत की विविधता या अनेकता को उसकी ताकत का स्त्रोत माना गया है।
- स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उभरे गीत और चिन्ह विविधता के प्रति हमारा विश्वास बनाए रखते हैं।
- नेहरू ने ही भारत की विविधता का वर्णन करते हुए अनेकता में एकता का विचार दिया।
- रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा रचित हमारा राष्ट्रगान भी भारतीय एकता की ही एक अभिव्यक्ति है।