CLASS- 7 S.S.T (भूगोल)

 

CHAPTER- 1 पर्यावरण 

NOTES 

1. पर्यावरण- पर्यावरण हमारे जीवन का मूल आधार है। यह हमें सांस लेने के लिए हवा, पीने के लिए जल, खाने के लिए भोजन एवं रहने के लिए भूमि प्रदान करता है।
  • कार का धुआं वायु को प्रदूषित करता है।
  • मानव कार, मिल, कारखानों एवं बर्तनों का निर्माण करता है। इस प्रकार से मानव प्राकृतिक पर्यावरण में परिवर्तन करता है।
  • किसी भी जीवित प्राणी के चारों ओर पाए जाने वाले लोग, स्थान, वस्तुएं एवं प्रकृति को पर्यावरण कहते हैं।
  • पर्यावरण/इनवायरमेंट शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच शब्द एनवायरोनेर से हुई है जिसका अर्थ है पडो़स।
2. जीवीय- सजीव प्राणियों का संसार। जैसे- पादप एवं जंतु। 

3. अजीवीय- निर्जीव पदार्थों का संसार। जैसे- स्थल।

4. पर्यावरण के घटक- A) प्राकृतिक, B) मानव निर्मित, C) मानव।

5. प्राकृतिक पर्यावरण- भूमि, जल, वायु, पेड़-पौधे एवं जीव-जंतु मिलकर प्राकृतिक पर्यावरण बनाते हैं।
  • स्थलमंडल- पृथ्वी की ठोस पर्पटी या कठोर ऊपरी परत को स्थलमंडल कहते हैं। यह चट्टानों एवं खनिजों से बना होता है एवं मिट्टी की पतली परत से ढंका होता है।
  • यह खनिज संपदा का भी एक स्त्रोत है।
  • जलमंडल- जल के क्षेत्र को जलमंडल कहते हैं। यह जल के विभिन्न स्त्रोतों जैसे- नदी, झील, समूद्र, महासागर आदि जैसे विभिन्न जलाशयों से मिलकर बनता है।
  • वायुमंडल- पृथ्वी के चारों ओर फैली वायु की पतली परत को वायुमंडल कहते हैं। वायुमंडल में परिवर्तन होने से मौसम एवं जलवायु में परिवर्तन होता है।
  • जैवमंडल- पादप एवं जीव-जंतु मिलकर जैवमंडल या सजीव संसार का निर्माण करते हैं। यह पृथ्वी का वह संकीर्ण क्षेत्र हैं, जहां स्थल, जल एवं वायु मिलकर जीवन को संभव बनाते हैं।
6. पारितंत्र- वह तंत्र जिसमें समस्त जीवधारी आपस में एक-दूसरे के साथ तथा पर्यावरण के उन भौतिक एवं रासायनिक कारकों के साथ परस्पर क्रिया करते हैं जिसमें वे निवास करते हैं।
  • जीवधारियों का आपसी एवं अपने आस-पास के पर्यावरण के बीच का संबंध ही पारितंत्र का निर्माण करता हैं।
7. मानवीय पर्यावरण- मानव अपने पर्यावरण के साथ पारस्परिक क्रिया करता हैं।
  • समय के साथ मानव ने पर्यावरण के उपयोग और उसमें परिवर्तन करने के कई तरीके सिख लिए। उसने फसल उगाना, पशु पालना एवं स्थायी जीवन जीना सीख लिया।
  • वस्तु विनिमय पद्धति- यह वस्तुओं की अदला-बदली का व्यापार है जिसमें धन का प्रयोग नहीं होता।
  • औद्योगिक क्रांति से बड़े पैमाने पर उत्पादन प्रारंभ हो गया। परिवहन तेज गति से प्रारंभ हुआ।
  • सूचना क्रांति से पूरे विश्व में संचार, सहज और द्रुत हो गया।