CLASS- 8 S.S.T (संसाधन एवं विकास)

 

CHAPTER- 1 संसाधन 

NOTES

1. संसाधन- प्रत्येक वस्तु जिसका उपयोग आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाता है।

2. पेटेन्ट- किसी विचार अथवा आविष्कार पर एकमात्र अधिकार से हैं।

3. प्रौद्योगिकी- किसी कौशल करने अथवा वस्तु बनाने में नवीनतम ज्ञान का अनुप्रयोग प्रौद्योगिकी हैं।

4. संसाधन के प्रकार- 1. प्राकृतिक, 2. मानव निर्मित, 3. मानव।
A) प्राकृतिक संसाधन- जो संसाधन प्रकृति से प्राप्त होते हैं और अधिक संशोधन के बिना उपयोग में लाए जाते हैं, प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं। प्राकृतिक संसाधन दो प्रकार के होते हैं- नवीकरणीय तथा अनवीकरणीय संसाधन।
  • नवीकरणीय संसाधन- वे संसाधन जो शीघ्रता से नवीकृत अथवा पुनः पूरित हो जातें हैं। इनमें से कुछ असीमित है और उन पर मानवीय क्रियाओं का प्रभाव नहीं होता, जैसे सौर और पवन ऊर्जा।
  • अनवीकरणीय संसाधन- वे संसाधन जिनका भंडार सीमित हैं। भंडार के बार समाप्त होने के बाद पुनः पूरित होने में हजारों वर्ष लग सकते हैं। उदाहरण- कोयला, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस।
B) मानव निर्मित संसाधन- लोग प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग पुल, सड़क, मशीन और वाहन बनाने में करते हैं जो मानव निर्मित संसाधन हैं। प्रौद्योगिकी भी एक मानव निर्मित संसाधन हैं।

C) मानव संसाधन- मानव संसाधन से तात्पर्य लोगों की संख्या और योग्यता (मानसिक तथा शारीरिक) से हैं।
  • अधिक संसाधनों के निर्माण में समर्थ होने के लिए लोगों के कौशल में सुधार करना मानव संसाधन विकास कहलाता हैं।
5. संसाधन संरक्षण- संसाधनों का सतर्कतापूर्वक उपयोग करना और उन्हें नवीकरण के लिए समय देना संसाधन संरक्षण कहलाता हैं।
  • सतत पोषणीय विकास- संसाधनों का उपयोग करने की आवश्यकता और भविष्य के लिए उनके संरक्षण में संतुलन बनाए रखना सतत पोषणीय विकास कहलाता हैं। 
सतत पोषणीय विकास के कुछ सिद्धांत- 
  • जीवन के सभी रूपों का आदर और देखभाल।
  • मानव जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना।
  • पृथ्वी की जीवन शक्ति और विविधता का संरक्षण करना।
  • प्राकृतिक संसाधनों के ह्रास को कम-से-कम करना।
  • पर्यावरण के प्रति व्यक्तिगत व्यवहार और अभ्यास में परिवर्तन।
  • समुदायों को अपने पर्यावरण की देखभाल करने योग्य बनाना।
6. हमारी पृथ्वी और इस पर निवास करने वाले लोगों का भविष्य पेड़-पौधों और पारितंत्र की सुरक्षा और संरक्षण से जुड़ा हैं। इसलिए यह सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है कि-
  • सभी नवीकरणीय संसाधनों के उपयोग सतत पोषणीय है।
  • पृथ्वी पर जीवन की विविधता संरक्षित की जाए।
  • प्राकृतिक पर्यावरणीय तंत्र की हानि को कम-से-कम किया जाए।