CLASS-9 S.S.T (इतिहास)

CHAPTER- 1 फ्रांसीसी क्रांति 

NOTES

1. सन् 1774 में बूर्बो राजवंश का लुई XVI फ्रांस की राजगद्दी पर आसीन हुआ। 
  • उसका विवाह आस्ट्रिया की राजकुमारी मेरी एन्तोएनेल से हुआ था। 
  • लंबे समय तक चले युद्धों के कारण फ्रांस के वित्तीय संसाधन नष्ट हो चुके थे। 
  • लुई XVI के शासनकाल में फ्रांस ने अमेरिका के 13 उपनिवेशों को साझा शत्रु ब्रिटेन से आजाद कराने में सहायता दी थी। 
  • इस युद्ध के चलते फ्रांस पर दस अरब लिव्रे से भी अधिक का कर्ज और जुड़ गया जबकि उस पर पहले से ही दो अरब लिव्रे का बोझ चढ़ा हुआ था। 
2. 18 वीं शताब्दी के दौरान फ्रांसीसी समाज तीन वर्गों में विभाजित था।
  • प्रथम एस्टेट: इसमें चर्च के पादरी आते थे। 
  • द्वितीय एस्टेट: इसमें फ्रांसीसी समाज का कुलीन वर्ग आता। 
  • तृतीय एस्टेट: इसमें बड़े व्यापारी, अदालती कर्मचारी, वकील, किसान, कारीगर, भूमिगत मजदूर आदि आते। 
3. प्रथम दो एस्टेट्स कुलीन वर्ग एवं पादरी वर्ग के लोगों को कुछ विशेषाधिकार जन्मना प्राप्त थें। जैसे- राज्य को दिए जाने वाले करो से छूट। 

4. तृतीय एस्टेट्स- किसी भी तरह का विशेषाधिकार नहीं था और सिर्फ इन्हें ही राज्य के सभी टैक्स देने पड़ते थे। 

5. टाइद- चर्च द्वारा किसानों से करों का एक हिस्सा। एक प्रकार का धार्मिक कर।
टाइल- तीसरे एस्टेट से सरकार द्वारा वसूला जाने वाला टैक्स था। एक प्रत्यक्ष कर। सीधे राज्य को अदा किया जाने वाला कर। 

6. जीविका संकट- ऐसी चरम स्थिति जब जीवित रहने के न्यूनतम साधन भी खतरे में पड़ने लगते हैं। 

7. मध्य वर्ग- अठारहवीं सदी में एक नए सामाजिक समूह का उदय हुआ जिसे मध्य वर्ग कहा गया जिसने फैलते समुद्रपारीय व्यापार और ऊनी तथा रेशमी वस्त्रों के उत्पादन के बल पर संपत्ति अर्जित की थी। 

8. जाॅन लाॅक ने अपनी पुस्तक टू ट्रीटाइजेज आफ गवर्नमेंट में राजा के दैवी और निरंकुश अधिकारियों के सिध्दांत का खंडन किया। 
  • माॅन्तेस्क्यू ने द स्पिरिट ऑफ द लाॅज नामक रचना में सरकार के अंदर विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता विभाजन की बात कहीं।
9. क्रांति की शुरुआत- 
  • एस्टेट्स जेनराल (प्रतिनिधि सभा)- एक राजनीतिक संस्था थी जिसमें तीनों एस्टेट अपने-अपने प्रतिनिधि भेजते थे। इसकी अंतिम बैठक सन् 1614 में बुलाई गई थी। फ्रांसीसी सम्राट लुई XVI ने 5 मई 1789 को नये करो के प्रस्ताव के अनुमोदन के लिए एस्टेट्स जेनराल की बैठक बुलाई।
  • मत देना एक लोकतांत्रिक सिध्दांत था जिसे मिमाल के तौर पर रूसों ने अपनी पुस्तक द सोशल कॉन्ट्रैक्ट में प्रस्तुत किया था। 
  • 4 अगस्त 1789 की रात को असेंबली ने करों, कर्तव्यों और बंधनों वाली सामंती व्यवस्था के उन्मूलन का आदेश पारित किया। 
फ्रांस संवैधानिक राजतंत्र बना- नैशनल असेंबली ने सन् 1791 में संविधान का प्रारूप पूरा कर लिया। इसका मुख्य उद्देश्य था- सम्राट की शक्तियों को सीमित करना। 
  • एक व्यक्ति के हाथ में केंद्रीकृत होने के बजाय अब इन शक्तियों को विभिन्न संस्थाओं- विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका में विभाजित एवं हस्तांतरित कर दिया गया। 
10. फ्रांस में राजतंत्र का उन्मूलन और गणतंत्र की स्थापना- 
  • लोग राजनीतिक क्लबों में अड्डे जमा कर सरकारी नीतियों और अपनी कार्ययोजना पर बहस करते थे। इनमें से जैकोबिन क्लब सबसे सफल था, जिसका नाम पेरिस के भूतपूर्व काॅन्वेंट ऑफ सेंट जेकब के नाम पर पड़ा।
  • 21 सितंबर 1792 को राजतंत्र का अंत कर दिया और फ्रांस को एक गणतंत्र घोषित किया।
  • लुई XVI को न्यायालय द्वारा देशद्रोह के आरोप में मौत की सजा सुना दी गई। 21 जनवरी 1793 को प्लेस काॅन्काॅर्ड में उसे सार्वजनिक रूप से फांसी दे दी गई। 
आतंक राज- 
  • सन् 1793 से 1794 तक के काल को आतंक का युग कहा जाता है। 
  • रोबेस्प्येर सरकार ने कानून बना कर मजदूरी एवं कीमतों की अधिकतम सीमा तय कर दी। 
  • किसानों को सरकार द्वारा तय कीमत पर अनाज बेचने के लिए बाध्य किया गया।
  • चर्चों को बंद कर दिया गया और उनके भवनों को बैरक या दफ्तर बना दिया गया।
डिरेक्ट्री शासित फ्रांस- 
  • नए संविधान के तहत सम्पत्तिहीन तबके को मताधिकार से वंचित कर दिया गया। इस संविधान में दो चुनी गई विधान परिषदों का प्रावधान था। 
  • इन परिषदों ने पांच सदस्यों वाली एक कार्यपालिका- डिरेक्ट्री को नियुक्त किया। 
  • डिरेक्ट्री की राजनीतिक अस्थिरता ने सैनिक तानाशाह- नेपोलियन बोनापार्ट के उदय का मार्ग प्रशस्त किया। 
11. महिलाओं के लिए क्रांति- 
  • तीसरे एस्टेट की अधिकांश महिलाएं जीविका निर्वाह के लिए काम करती थी। 
  • तीसरे एस्टेट के धनी परिवारों की लड़कियां ही काॅन्वेंट में पढ़ पाती थी, इसके बाद उनकी शादी कर दी जाती थी।
  • महिलाओं ने अपने हितों की हिमायत करने और उन पर चर्चा करने के लिए खुद के राजनीतिक क्लब शुरू किए और अखबार निकाले। सबसे मशहूर क्लब द सोसायटी ऑफ रेवलूशनरी एंड रिपब्लिकन विमेन।
  • प्रारंभिक वर्षों में क्रांतिकारी सरकार ने महिलाओं के जीवन में सुधार लाने वाले कुछ कानून लागू किए।
  1. सभी लड़कियों के लिए स्कूली शिक्षा को अनिवार्य बना दिया। 
  2. पिता उनकी मर्जी के खिलाफ शादी के लिए बाध्य नहीं कर सकते।
  3. तलाक को कानूनी रूप दे दिया।
  • सन् 1946 में फ्रांस की महिलाओं ने मताधिकार हासिल कर लिया।
12. दास-प्रथा का उन्मूलन- 
  • अपरिचित एवं दूर देश जाने और काम करने के प्रति यूरोपियों की अनिच्छा का मतलब था- बागानों में श्रम की कमी। इस कमी को यूरोप, अफ्रीका एवं अमेरिका के बीच त्रिकोणीय दास-व्यापार द्वारा पूरा किया गया।
  • बोर्दे और नान्ते जैसे बंदरगाह फलते-फूलते दास व्यापार के कारण ही समृद्ध नगर बन गए।
  • सन् 1794 के कन्वेंशन ने फ्रांसीसी उपनिवेशों में सभी दासों की मुक्ति का कानून पारित कर दिया। दस वर्ष बाद नेपोलियन ने दास-प्रथा पुनः शुरू कर दी।
  • फ्रांसीसी उपनिवेशों से अंतिम रूप से दास प्रथा का उन्मूलन 1848 में किया गया। 
13. क्रांति और रोजाना की ज़िंदगी- 
  • क्रांतिकारी सरकारों ने कानून बना कर स्वतंत्रता एवं समानता के आदर्शों को रोजाना की ज़िंदगी में उतारने का प्रयास किया। 
  • बास्तील के विध्वंस के बाद सन् 1789 की गर्मियों में जो सबसे महत्वपूर्ण कानून अस्तित्व में आया, वह था- सेंसरशिप की समाप्ति।
  • स्वतंत्रता और न्याय के बारे में राजनीतिज्ञों व दार्शनिकों के पांडित्यपूर्ण लेखन को समझने और उससे जुडने का यह लोकप्रिय तरीका था क्योंकि किताबों को पढ़ना तो मुट्ठी भर शिक्षितों के लिए ही संभव था।