CHAPTER- 1 राजनीतिक सिद्धांत- एक परिचय
NOTES
1. राजनीतिक सिद्धांत का उद्देश्य नागरिकों को राजनीतिक प्रश्नों के बारे में तर्कसंगत ढंग से सोचने और सामयिक राजनीतिक घटनाओं को सही तरीके से आंकने का प्रशिक्षण देना है।
2. राजनीति क्या है?
- राजनीति एक प्रकार की जनसेवा है।
- राजनीति किसी भी समाज का महत्वपूर्ण और अविभाज्य अंग है।
3. महात्मा गांधी ने एक बार टिप्पणी की थी कि राजनीति ने हमें सांप की कुंडली की तरह जकड़ रखा है और इससे जूझने के सिवाय कोई अन्य रास्ता नहीं है।
4. सरकारें जो भी करती है वह प्रासंगिक होता है क्योंकि वह लोगों के जीवन को भिन्न-भिन्न तरीकों से प्रभावित करता है।
5. राजनीति का जन्म इस तथ्य से होता है कि हमारे और हमारे समाज के लिए क्या उचित एवं वांछनीय है और क्या नहीं।
6. राजनीतिक सिद्धांत में हम क्या पढ़ते हैं?
- आधुनिक काल में सबसे पहले रूसो ने सिद्ध किया कि स्वतंत्रता मानव मात्र का मौलिक अधिकार है।
- कार्ल मार्क्स ने तर्क दिया कि समानता भी उतनी ही निर्णायक होती है, जितनी कि स्वतंत्रता।
- राजनीतिक सिद्धांत उन विचारों और नीतियों को व्यवस्थित रूप को प्रतिबंधित करता है, जिनसे हमारे सामाजिक जीवन, सरकार और संविधान ने आकार ग्रहण किया है।
- यह स्वतंत्रता, समानता, न्याय, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता जैसी अवधारणाओं का अर्थ स्पष्ट करता है।
- विभिन्न तर्कों की जांच-पड़ताल के अलावा राजनीतिक सिद्धांतकार हमारे ताजा राजनीतिक अनुभवों की छानबीन भी करते हैं और भावी रुझानों तथा संभावनाओं को चिन्हित करते हैं।
- राजनीतिक सिद्धांत में इन प्रश्नों के संभावित उत्तरों के सिलसिले में हमारे सीखने के लिए बहुत कुछ है और इसीलिए यह बेहद प्रासंगिक है।
7. राजनीतिक सिद्धांतों को व्यवहार में उतारना
- राजनीतिक सिद्धांतकारों ने बताया है कि आजादी या समानता क्या है और इसकी विविध परिभाषाएं प्रस्तुत की है। गणित के विपरीत जहां त्रिभुज या वर्ग की सिर्फ एक परिभाषा होती है, राजनीतिक सिद्धांत में हम समानता, आजादी या न्याय की अनेक परिभाषाओं से रूबरू होते हैं।
- समानता- समानता में किसी न किसी प्रकार की निष्पक्षता बरती जानी चाहिए, ताकि लोग अनुचित रूप से शोषित न हो और आर्थिक कारकों की वजह से प्रतिकूल परिस्थितियों के शिकार न हों।
- राजनीतिक अवधारणाओं के अर्थ को राजनीतिक सिद्धांतकार यह देखते हुए स्पष्ट करते हैं कि आम भाषा मे इसे कैसे समझा और बताया जाता है। वे विविध अर्थों और रायों पर विचार-विमर्श और उनकी जांच-पड़ताल भी सुव्यवस्थित तरीके से करते हैं।
8. हमें राजनीतिक सिद्धांत क्यों पढ़ना चाहिए?
- राजनीतिक सिद्धांत संविधान और कानूनों की व्याख्या करने वाले वकील या जज या उन कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को पढ़ना चाहिए जो शोषण का पर्दाफाश करते हैं और नए अधिकारों की मांग करते हैं।
- हम सभी मत देने और अन्य मसलों के फैसले करने के अधिकार संपन्न नागरिक बनने जा रहे हैं। दायित्वपूर्ण कार्य निर्वहन के लिए उन राजनीतिक विचारों और संस्थाओं की बुनियादी जानकारी हमारे लिए मददगार होती है।
- शिक्षित और सचेत नागरिक भी राजनीति करने वालों को जनाभिमुख बना देते हैं।
- राजनीतिक सिद्धांत हमें राजनीतिक चीजों के बारे में अपने विचारों और भावनाओं के परीक्षण के लिए प्रोत्साहित करता है।
- राजनीतिक सिद्धांत हमें न्याय या समानता के बारे में सुव्यवस्थित सोच से अवगत कराते हैं, ताकि हम अपने विचारों को परिष्कृत कर सकें और सार्वजनिक हित में सुविज्ञ तरीके से तर्क-वितर्क कर सकें।