CHAPTER- 4 चुंबकों को जाने
Notes
1. पुराने समय में नाविकों द्वारा उपयोग किए जाने वाले चुंबक प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले चुंबक थे। इन्हें चुंबक पत्थर के नाम से जाना जाता था और जिसकी खोज प्राचीन काल में हुई।
2. चुंबकीय पदार्थ- वे पदार्थ जो चुंबक की ओर आकृषित होते है, चुंबकीय पदार्थ कहलाते है। उदाहरण- लोहा, निकेल , कोबाल्ट आदि।
3. अचुंबकीय पदार्थ- जो पदार्थ चुंबक की ओर आकर्षित नहीं होते, अचुंबकीय पदार्थ कहलाते हैं।
4. चुंबक के ध्रुव- चुंबक के दो सिरे/ध्रुव होते हैं, जिन्हें उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव कहा जाता है।
- किसी चुंबक को कितने भी छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ दिया जाए, छोटे से छोटे टुकड़े में भी उत्तरी और दक्षिणी दोनों ध्रुव हमेशा विद्यमान रहते हैं।
5. चुंबक का वह सिरा जो उत्तर की ओर इंगित करता है, उसे चुंबक का उत्तरोन्मुखी ध्रुव या उत्तरी ध्रुव कहा जाता है।
- दूसरा सिरा जो दक्षिण की ओर इंगित करता है, उसे चुंबक का दक्षिणोन्मुखी ध्रुव या दक्षिणी ध्रुव कहा जाता है।
- चुंबक केवल उत्तर-दक्षिण दिशा में ठहरते हैं। उसका यह गुण दिशाएं जानने के लिए किया जाता है। इसी आधार पर पुराने समय में दिशाएं जानने के लिए चुंबकीय दिक्सूचक नामक एक छोटा यंत्र विकसित किया गया था।
6. दिक्सूचक- इसमें सुई के आकार का एक चुंबक होता है जो स्वतंत्र रूप से घूम सकता है। चुंबकीय दिक्सूचक की सुई उत्तर-दक्षिण दिशा को इंगित करती हैं।
- दिक्सूचक को उस स्थान पर रखा जाता है जहां हम दिशाएं जानना चाहते हैं।
7. जब दो चुंबकों को एक-दूसरे के समीप लाया जाता है, तो समान ध्रुव (उत्तर-उत्तर, दक्षिण-दक्षिण) एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं, जबकि विपरीत ध्रुव (उत्तर-दक्षिण) एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।
आइए, और अधिक सीखें
प्रश्न- 1. निम्नलिखित में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
क) दो चुंबकों के विपरीत ध्रुव एक-दूसरे को ______ करते हैं, जबकि समान ध्रुव एक-दूसरे को ______ करते हैं।
ख) वे पदार्थ जो चुंबक की ओर आकर्षित होते हैं, उन्हें ______ कहते हैं।
ग) चुंबकीय दिक्सूचन की सुई _____ दिशा में ही ठहरती है।
घ) चुंबक में सर्वदा _____ ध्रुव होते हैं।
उत्तर- क) आकर्षित, प्रतिकर्षित; ख) चुंबकीय; ग) उत्तर-दक्षिण; घ) दो।
प्रश्न- 2. निम्नलिखित कथन सत्य (✓) हैं या असत्य (×)-
क) किसी चुंबक को टुकड़ों में तोड़कर एक ध्रुव प्राप्त किया जा सकता हैं। ( )
ख) चुंबक के समान ध्रुव एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं। ( )
ग) जब किसी छड़ चुंबक को लोहरेतन के पास लाया जाता है, तो अधिकांश लोहरेतन उसके बीच में चिपक जाता है। ( )
घ) स्वतंत्र रूप से लटका हुआ छड़ चुंबक हमेशा उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर इंगित करता हैं। ( )
उत्तर- क)- (×), ख)- (✓), ग)- (×), घ)- (✓)।
प्रश्न- 3. स्तंभ 1 में विभिन्न स्थितियां दर्शाई गई है, जिनमें एक चुंबक का कोई एक ध्रुव दूसरे चुंबक के किसी ध्रुव के निकट स्थित होता है। स्तंभ 2 में विभिन्न स्थितियों के लिए उनके बीच होने वाली अंतः क्रिया दर्शाई गई हैं। रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
प्रश्न- 4. अथर्व ने एक प्रयोग किया जिसमें उसने एक छड़ चुंबक लिया और उसे स्टील की पिनों के ढेर पर घुमाया। आपके अनुसार तालिका 4.3 में दिए गए अवलोकनों के समुच्चय में से कौन-सा विकल्प संभवतः उसका वास्तविक अवलोकन हैं?
तालिका 4.3- चुंबक द्वारा उसके विभिन्न स्थानों पर आकर्षित पिनों की संख्या
प्रश्न- 5. रेशमा ने बाजार से तीन एकसमान धातु की छड़े खरीदीं। इनमें से दो छड़ें चुंबक थी और एक लोहे का टुकड़ा था। बिना किसी अन्य सामग्री का उपयोग किए, वह कैसे पहचानेगी कि तीनों में से कौन-सी दो छड़ें चुंबक हो सकती हैं?
उत्तर- रेशमा तीनों छड़ों को एक-दूसरे के पास लाएगी और उनके सिरो को एक-एक करके बदलेगी। जो दो छड़ें एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करती है, वे चुंबक होगी। जिन छड़ों में किसी के प्रति कोई प्रतिकर्षण नहीं होगा, वह लोहे की होगी।
प्रश्न- 6. आपको एक चुंबक दिया गया है जिस पर ध्रुवों की पहचान अंकित नहीं हैं। आप एक अन्य चुंबक जिस पर ध्रुव अंकित है की सहायता से दिए गए चुंबक के ध्रुवों का पता लगा सकते हैं?
उत्तर- जिस चुंबक पर ध्रुव अंकित है, उसका उत्तरी ध्रुव दी गई चुंबक के पास लाएं। दोनों चुंबक एक-दूसरे को आकर्षित करतें हैं, तो दी गई चुंबक का यह ध्रुव दक्षिणी ध्रुव होगा यदि ऐसा नहीं होता है अर्थात् वे प्रतिकर्षित करते हैं तो चुंबक का ध्रुव उत्तरी ध्रुव होगा।
प्रश्न- 7. एक छड़ चुंबक पर उसके ध्रुवों को दर्शाने के लिए कोई चिन्ह अंकित नहीं हैं। आप किसी अन्य चुंबक का उपयोग किए बिना यह कैसे पता लगाएंगे कि उसका उत्तरी ध्रुव किस छोर पर स्थित हैं?
उत्तर- चुंबक को मध्य से धागे से बांधकर लटकाएं। जब वह स्थिर हो जाएगा, तब उसका उत्तरी छोर उत्तर दिशा में इंगित करेगा, जो कि चुंबक का उत्तरी ध्रुव होगा।
प्रश्न- 8. यदि पृथ्वी स्वयं एक चुंबक है तो क्या आप चुंबकीय दिक्सूचक से दिशा देखकर पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुवों का अनुमान लगा सकते हैं?
उत्तर- हां, चुंबकीय दिक्सूचक से दिशा देखकर पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुवों का अनुमान लगाया जा सकता है। दिक्सूचक की सुई स्वतंत्र रूप से घूम सकती है। जब दिक्सूचक को एक स्थिर सतह पर रखा जाता हैं, तो उसकी सुई पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के कारण उत्तर-दक्षिण दिशा में स्थिर हो जाती है। चुंबकीय दिक्सूचक से दिशा देखकर पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुवों का सही अनुमान लगाया जा सकता हैं।
प्रश्न- 9. एक मिस्त्री पेंचकस की सहायता से एक यंत्र की मरम्मत कर रहा था लेकिन स्टील के पेंच बार-बार नीचे गिर रहे थे। इस अध्याय में आपने जो सिखा है, उसके आधार पर मिस्त्री की समस्या को हल करने का उपाय सुझाइए।
उत्तर- मिस्त्री को पेंचकस को पहले चुंबक से घिसना चाहिए, जिससे वह चुंबक बन जाएगा। इससे स्टील के पेंच पेचकस से चिपक जाएंगे और वे नीचे नहीं गिरेंगे।
प्रश्न- 10. दो वलय चुंबक, 'क' और 'ख', चित्र 4.16 में दर्शाए अनुसार व्यवस्थित हैं। यह देखा गया है कि चुंबक 'क' नीचे की ओर नहीं जाता है। इसका संभावित कारण क्या हो सकता है? किसी भी चुंबक को बिना धकेले चुंबक 'क' को चुंबक 'ख' के संपर्क में लाने का उपाय सुझाइए।
उत्तर- इस स्थिति में, चुंबक 'क' और चुंबक 'ख' के समान ध्रुव एक-दूसरे के सामने होने के कारण वे एक-दूसरे को प्रतिकर्षित कर रहे हैं। यही कारण है कि चुंबक 'क' नीचे की ओर नहीं जा रहा हैं।
चुंबक 'क' को बिना धकेले चुंबक 'ख' के संपर्क में लाने के लिए किसी एक चुंबक को घुमा कर उसकी दिशा बदलनी होगी। इससे उनके विपरीत ध्रुव एक-दूसरे के सामने आ जाएंगे। इससे वे एक-दूसरे को आकर्षित करेंगे और चुंबक 'क' खिसककर चुंबक 'ख' के संपर्क में आ जाएगा।
प्रश्न- 11. तीन छड़ चुंबकों को चित्र में दर्शाए अनुसार एक मेज पर व्यवस्थित किया गया है। एक सिरे (5) की ध्रुवता आपको दी गई है। अब आप बताइए कि चुंबकों के सिरों 1, 2, 3, 4 और 6 पर ध्रुवता N या S में से क्या-क्या है?
उत्तर- चित्र के अनुसार चुंबकों के सिरों की ध्रुवता निम्नलिखित हो सकती है:
सिरा 1: S (सिरा 2 के पास है, और चुंबकों के विपरीत ध्रुव एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।)
सिरा 2: N (सिरा 1 से जुड़ा हुआ है और सिरा 1 का ध्रुव S हैं)
सिरा 3: S (सिरा 2 का ध्रुव N है तो इसका विपरीत सिरा S होगा)
सिरा 4: S (सिरा 5 के पास है, और सिरा 5 का ध्रुव N है)
सिरा 6: N (सिरा 4 का ध्रुव S हैं)
इस प्रकार, सिरों की ध्रुवता होगी-
सिरा 1:S सिरा 2:N सिरा 3:S सिरा 4:S सिरा 6:N।







