CLASS-7 SCIENCE

CHAPTER-5 भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन


NOTES

1. प्रकृति में व्यापक रूप से दो परिवर्तन पाए जाते हैं- भौतिक एवं रासायनिक।

भौतिक परिवर्तन- पदार्थ के आकार, आमाप (साइज), रंग और अवस्था जैसे गुण उसके भौतिक गुण कहलाते हैं। वह परिवर्तन, जिसमें किसी पदार्थ के भौतिक परिवर्तन सामान्यतः उत्क्रमणीय होता है। ऐसे परिवर्तन में कोई नया पदार्थ नहीं बनता हैं। उदाहरण- कागज के टुकड़े से जहाज बनाना आदि।

रासायनिक परिवर्तन- वह परिवर्तन, जिसमें एक अथवा एक-से अधिक नए पदार्थ बनते हैं, रासायनिक परिवर्तन कहलाता है। रासायनिक परिवर्तन को रासायनिक अभिक्रिया भी कहते हैं। उदाहरण- पटाखों का विस्फोट।

2. रासायनिक परिवर्तन में एक या एक-से अधिक नए पदार्थ निर्मित होते हैं। नए उत्पादों के अतिरिक्त, रासायनिक परिवर्तन में निम्न घटनाएं होती हैं-
  • ऊष्मा, प्रकाश अथवा किसी अन्य प्रकार के विकिरण का निर्मुक्त अथवा उनका अवशोषित होना।
  • ध्वनि का उत्पन्न होना।
  • गंध में परिवर्तन होना अथवा किसी नई गंध का बनना।
  • रंग में परिवर्तन होना।
  • किसी गैस का बनना।

3. लोहे में जंग लगना- लोहे में जंग आक्सीजन और जलवाष्प के कारण बनती है।
लोहा (Fe) + ऑक्सीजन (O2) + जल (H2O) की प्रतिक्रिया से जंग (आयरन ऑक्साइड (Fe2O3) का बनना

• जंग लगने के लिए आक्सीजन और जल (जलवाष्प) दोनों की उपस्थिति अनिवार्य है। लोहे की वस्तुओं को जंग से बचाने के लिए सभी वस्तुओं पर नियमित रूप से पेंट अथवा ग्रीज की परत चढ़ाते रहना चाहिए, अन्य उपाय लोहे के ऊपर क्रोमियम अथवा जस्ता (जिंक) जैसी किसी धातु की परत चढ़ाना है।
गैल्वेनाइजेशन- लोहे पर जिंक की परत चढ़ाने का प्रक्रम यशद् लेपन (गैल्वेनाइजेशन) कहलाता है।

4. स्टेनलेस स्टील- लोहे में कार्बन और क्रोमियम, निकैल तथा मैंगनीज जैसी धातुओं को मिलाकर बनाया जाता है। इसमें जंग नहीं लगती हैं।

5. क्रिस्टलीकरण- किसी पदार्थ के विलयन से शुद्ध क्रिस्टल प्राप्त करना क्रिस्टलीकरण कहलातीं हैं। यह भौतिक परिवर्तन हैं।