CLASS- 6 S.S.T (भूगोल)


 CHAPTER- 1 सौरमंडल में पृथ्वी 

NOTES

1. हम पूर्ण चंद्रमा को लगभग एक महीने में एक बार देख सकते हैं। यह पूर्ण चंद्रमा वाली रात या पूर्णिमा होती हैं। पंद्रह दिन बाद इसे देख नहीं सकते। यह नये चंद्रमा की रात्रि या अमावस्या होती है।

2. खगोलीय पिंड- सूर्य, चंद्रमा तथा वे सभी वस्तुएं जो रात के समय आसमान में चमकती हैं, खगोलीय पिंड कहलाते हैं

3.  तारा- कुछ खगोलीय पिंड बड़े आकार वाले तथा गर्म होते हैं। ये गैसों से बने होते हैं। इनके पास अपनी ऊष्मा तथा प्रकाश होता है, जिसे वे बहुत बड़ी मात्रा में उत्सर्जन करते हैं। इन खगोलीय पिंडों को तारा कहते हैं।

4.  नक्षत्रमंडल- रात्रि में आसमान की ओर देखते समय आप तारों के विभिन्न समूहों द्वारा बनाई गई विविध आकृति। जैसे- अर्सा मेजर, बिग बीयर

5. ध्रुव तारा- यह आसमान में हमेशा एक ही स्थान पर रहता है। उत्तरी तारा उत्तर दिशा को बताता है।

6. ग्रह- कुछ खगोलीय पिंडों में अपना प्रकाश एवं ऊष्मा नहीं होती। वे तारों के प्रकाश से प्रकाशित होते हैं। ऐसे पिंड ग्रह कहलाते हैं।
  • ग्रह को अंग्रेजी में प्लेनेट (Planet) कहते हैं। यह ग्रीक भाषा के प्लेनेटाइ शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है परिभ्रमक अर्थात् चारों ओर घूमने वाले।
7. सौर मंडल- सौर शब्द का अर्थ है, सूर्य से संबंधित। अतः सूर्य के परिवार को सौरमंडल कहा जाता है।
हमारे सौर परिवार का मुखिया सूर्य है।

A) सूर्य- सूर्य सौरमंडल के केंद्र में स्थित हैं। सूर्य, सौरमंडल के लिए प्रकाश एवं ऊष्मा का एकमात्र स्रोत है। यह हमारे सबसे नजदीक का तारा होने के बावजूद यह हमसे बहुत दूर है। सूर्य पृथ्वी से लगभग 15 किलोमीटर दूर है।

B) ग्रह- हमारे सौरमंडल में आठ ग्रह हैं। सूर्य से दूरी के अनुसार ग्रह- बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस तथा नेप्च्यून।
  • कक्षा- सौरमंडल के सभी आठ ग्रह एक निश्चित पथ पर सूर्य का चक्कर लगाते हैं। ये रास्ते दीर्घवृत्ताकार में फैले हुए हैं। ये कक्षा कहलाते हैं।
C) पृथ्वी- सूर्य से दूरी के हिसाब से पृथ्वी तीसरा ग्रह हैं। यह पांचवां सबसे बड़ा ग्रह हैं। यह ध्रुवों के पास थोड़ी चपटी है। यही कारण है कि इसके आकार को भू-आभ कहा जाता है। भू-आभ का अर्थ, पृथ्वी के समान आकार।
  • पृथ्वी न तो अधिक गर्म न ही अधिक ठंडी हैं। यहां पानी एवं वायु उपस्थित हैं, जो हमारे जीवन के लिए आवश्यक है। इसलिए पृथ्वी सौरमंडल का सबसे अद्भुत ग्रह हैं।
  • अंतरिक्ष से पृथ्वी नीले रंग की दिखाई पड़ती है। यह दो-तिहाई सतह पानी से ढकी हुई है। इसे नीला ग्रह कहा जाता है।
D) चंद्रमा- हमारी पृथ्वी के पास केवल एक उपग्रह है, चंद्रमा। इसका व्यास पृथ्वी के व्यास का केवल एक-चौथाई है।
  • नील आर्मस्ट्रांग पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने 20 जुलाई 1969 को सबसे पहले चंद्रमा की सतह पर कदम रखा।
  • चंद्रमा पृथ्वी का एक चक्कर लगभग 27 दिन में पूरा करता है। इतने ही समय में यह अपने अक्ष पर एक चक्कर भी पूरा करता है। परिणामस्वरूप पृथ्वी से हमें चंद्रमा का केवल एक ही भाग दिखाई पड़ता है।
E) क्षुद्रग्रह- तारों, ग्रहों एवं उपग्रहों के अतिरिक्त, असंख्य छोटे पिंड भी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। इन पिंडों को क्षुद्रग्रह कहते हैं।

F) उल्कापिंड- सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले पत्थरों के छोटे-छोटे टुकड़ों को उल्कापिंड कहते हैं।

G) आकाशगंगा- आकाशगंगा करोड़ों तारों, बादलों तथा गैसों की एक प्रणाली हैं।

8. ब्रह्मांड- लाखों आकाशगंगाएं मिलकर ब्रह्मांड का निर्माण करती है। 
  • इसकी विशालतम कल्पना करना अत्यधिक कठिन है।